*चाहे जो हो जाए *
चाहे गुड़ गोबर हो जाए, मगर
प्यार हमारा ना कभी नफरत होगा।
चाहे चंदा ना रहे आसमां में,
या कि सूरज के नाभिक
खो जाएं नभ में,
या कि चमकते सितारे
सो जाएं गगन की गोद में,
मगर हमारे प्यार से प्रफुल्लित
प्रकाश तो रहेगा हमेशा;
सर्दी-गर्मी रहे ना रहे, मगर
वसंत को लेकर कामदेव
प्यार हमारा देखने आते रहेंगे।
क्या पता कभी हम भी
रहें ना रहें, मगर हमेशा
प्यार में मग्न हो हम
हर एक महफ़िल में
आते रहेंगे।
Wonderful
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